क्या आपको लगता है कि एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन की अलग-अलग ताज़ा दर में कोई अंतर है? हमने इस लेख पर एक उदाहरण दिया: 1920hz रिफ्रेश रेट और 3840hz रिफ्रेश रेट के बीच अंतर।
(1) प्रदर्शन प्रभाव। रिफ्रेश फ़्रीक्वेंसी जितनी अधिक होगी, स्क्रीन उतनी ही तेज़ी से ताज़ा होगी, और मानव आँख द्वारा देखी जाने वाली छवि उतनी ही स्पष्ट होगी। हाई-ब्रश डिस्प्ले की ताज़ा दर 3840Hz तक पहुँच सकती है, और सामान्य ताज़ा दर 1920Hz है।
चित्रों और वीडियो को चलाते समय दो डिस्प्ले के बीच का अंतर नग्न आंखों से अलग नहीं होता है। लेकिन इसे मोबाइल फोन और हाई-डेफिनिशन डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है।
(2) शूटिंग प्रभाव। 1920hz रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले स्क्रीन में मोबाइल फोन के चित्र लेने पर स्पष्ट पानी की लहरें होंगी। और छवि हिल जाएगी और झिलमिला जाएगी। हालांकि, 3840 हर्ट्ज की ताज़ा दर वाली एलईडी वीडियो दीवार उच्च शूटिंग आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है, शूटिंग प्रभाव सुनिश्चित कर सकती है और पानी की लहर की घटना को कम कर सकती है।
(3) दृश्य अनुभव। स्क्रीन को टिमटिमाना और हिलाना दृश्य थकान का कारण बनेगा। ज्यादा देर तक देखना आंखों के लिए अच्छा नहीं होता है। 1920hz की तुलना में, 3840hz रिफ्रेश रेट एलईडी डिस्प्ले आंखों के लिए कम हानिकारक है।
(4) कीमत। ताज़ा दर जितनी अधिक होगी, संबंधित IC और कॉन्फ़िगरेशन गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होगी। 1920hz रिफ्रेश रेट और 3840hz रिफ्रेश रेट के बीच की कीमत अलग है। आप अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से चुनाव कर सकते हैं।